दुबई में किराया बढ़ोतरी: नया नियमन और प्रक्रिया
नई रेंटल इंडेक्स के अनुसार मकान मालिक कितना किराया बढ़ा सकते हैं?
दुबई में किराया बढ़ोतरी कड़ाई से नियंत्रित है ताकि किराएदारों और मकान मालिकों दोनों की सुरक्षा हो सके। यदि आप दुबई में किसी प्रॉपर्टी के मालिक हैं और यह महसूस करते हैं कि आपका वर्तमान किराएदार बाजार दर से काफी कम किराया भुगतान कर रहा है, तो आप मनमाने तरीके से किराया नहीं बढ़ा सकते। बढ़ोतरी की सीमा एमिरेट के रेंटल इंडेक्स द्वारा निर्धारित की जाती है, जो प्रतिशत सीमा निर्धारित करता है।
रेंटल इंडेक्स कैसे काम करता है?
दुबई रियल एस्टेट रेगुलेटरी एजेंसी (रेरा) द्वारा बनाया गया रेंटल इंडेक्स समान प्रकार और स्थान वाली प्रॉपर्टीज के औसत किरायों पर आधारित होता है। वर्तमान इंडेक्स एक विशेष क्षेत्र में प्रॉपर्टीज के लिए बाजार का औसत मूल्य दिखाता है, जो किराये में बढ़ोतरी का आधार बनता है। नियमावली यह बताती है:
1. यदि किराया औसत किराए के 10% तक कम है, तो कोई बढ़ोतरी की अनुमति नहीं होती।
2. अगर किराया औसत से 11-20% कम है, तो 5% बढ़ोतरी की अनुमति है।
3. अगर किराया औसत से 21-30% कम है, तो 10% बढ़ोतरी की अनुमति है।
4. अगर किराया औसत से 31-40% कम है, तो 15% बढ़ोतरी की अनुमति है।
5. अगर किराया औसत से 40% से अधिक कम है, तो 20% बढ़ोतरी की अनुमति है।
ये विनियम यह सुनिश्चित करते हैं कि किराया बढ़ोतरी क्रमिक हो और किराएदारों पर अधिक भार न पड़े।
किराएदारों को कैसे सूचित करें?
यदि आप किराया बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको अनुबंध में अन्यथा निर्दिष्ट नहीं होने पर पट्टा समाप्ति से कम से कम 90 दिन पहले किराएदार को लिखित रूप में सूचित करना होगा। यदि किराएदार बढ़ोतरी से असहमत होते हैं, तो वे समस्या के समाधान के लिए रेंटल डिस्प्यूट सेंटर से संपर्क कर सकते हैं।
मकान मालिकों और किराएदारों के क्या अधिकार हैं?
मकान मालिकों और किराएदारों के बीच के अधिकार और दायित्व निम्नलिखित नियमावली द्वारा शासित होते हैं:
क. डिक्री नं. (43) ऑफ 2013: किराए में अधिकतम प्रतिशत बढ़ोतरी स्थापित करता है।
ख. कानून संख्या 26 ऑफ 2007 और इसका संशोधन, कानून संख्या 33 ऑफ 2008: किराया नवीनीकरण की शर्तों को निर्धारित करता है, जिसमें बढ़ोतरी के नोटिस के नियम शामिल हैं।
अगर किराएदार और मकान मालिक किसी समझौते पर नहीं पहुंचते हैं तो क्या होता है?
यदि किराएदार और मकान मालिक नए किराए पर सहमत नहीं हो पाते हैं, तो रेंटल डिस्प्यूट सेंटर उचित किराया दर तय कर सकता है। अदालत में किराए का इंडेक्स, प्रॉपर्टी की स्थिति और बाजार के माहौल पर विचार किया जाता है।
महत्वपूर्ण विचार
1. अग्रिम सूचना: हमेशा समय पर किराए बढ़ाने के इरादे की सूचना किराएदार को दें।
2. बाजार की कीमतें मॉनिटर करें: रेरा द्वारा प्रकाशित रेंटल इंडेक्स को नियमित रूप से जांचते रहें।
3. विवाद समाधान: यदि विवाद उत्पन्न होते हैं, तो विशेषज्ञ कानूनी सलाह लें या रेंटल डिस्प्यूट सेंटर से परामर्श करें।
दुबई में प्रॉपर्टी किराए का विनियमन एक पारदर्शी और स्पष्ट प्रणाली के तहत संचालित करता है जो किराए में बाजार रुझानों को ट्रैक करने की अनुमति देता है, जबकि किराएदारों और मकान मालिकों दोनों की सुरक्षा करता है। यह नियामक प्रणाली एमिरेट के तेजी से विकसित हो रहे रियल एस्टेट बाजार की स्थिरता और पूर्वानुमानशीलता में योगदान देती है।